अश्विन महीने की पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। ग्रंथ कहते हैं कि इस तिथि पर देवी लक्ष्मी पृथ्वी का आती हैं। जो इस रात जाग कर देवी की पूजा करता है उससे लक्ष्मीजी खुश होती हैं। शरद पूर्णिमा पर विशेष शुभ योग के बनने से ये पर्व और ज्यादा खास हो जाएगा।
इस साल शरद पूर्णिमा पर गुरु अपनी ही राशि मीन में चंद्रमा के साथ रहेगा। इनकी युति से गजकेसरी नाम का बड़ा शुभ योग बनेगा। वहीं बुध ग्रह अपनी ही राशि में सूर्य के साथ रहेगा। जिससे बुधादित्य योग बनेगा। इस पर्व पर शनि भी स्वराशि में रहेगा। जिससे शश योग रहेगा। साथ ही तिथि, वार और नक्षत्र से मिलकर सर्वार्थसिद्धि, ध्रुव और स्थिर नाम के शुभ योग बनेंगे। इस तरह सालों बाद सितारों का ऐसा शुभ संयोग बनेगा।
पूर्णा तिथि और सितारों का शुभ संयोग बनने से शरद पूर्णिमा पर खरीदारी और नए काम शुरू करना शुभ रहेगा। इस शुभ संयोग में प्रॉपर्टी, निवेश और महत्वपूर्ण लेन-देन करने से धन लाभ होने की संभावना और बढ़ जाएगी। जॉब और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए पूरा दिन फायदेमंद रहेगा। इसके साथ ही सेविंग भी बढ़ेगी। इस दिन पद ग्रहण करना या नया दायित्व लेना भी शुभ है। इस दिन किए गए काम लंबे समय तक फायदा देने वाले रहेंगे।
1. इस रात में ग्रहण की गई औषधि बहुत जल्दी लाभ पहुंचाती है। 2. शरद पूर्णिमा पर चंद्र की किरणें भी हमें लाभ पहुंचाती हैं। इसलिए इस रात में कुछ देर चांद की चांदनी में बैठना चाहिए। ऐसा करने पर मन को शांति मिलती है। तनाव दूर होता है। 3. शरद पूर्णिमा की रात घर के बाहर दीपक जलाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता बढ़ती है। 4. शरद पूर्णिमा की चांद को खुली आंखों से देखना चाहिए। क्योंकि इससे आंखों की समस्या नहीं होती। 5. पूरे दिन व्रत रखें और पूर्णिमा की रात्रि में जागरण करें। व्रत करने वाले को चन्द्र को अर्घ्य देने के बाद ही अन्न ग्रहण करना चाहिए।
Discussion about this post