Delhi News: शराब पॉलिसी घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब सिसोदिया के खिलाफ CBI ने एक नया केस दर्ज किया है. यह FIR दिल्ली फीडबैक यूनिट (FBU) भ्रष्टाचार मामले में की गई है. यह फीडबैक यूनिट आम आदमी पार्टी ने 2015 में सेटअप की थी. भाजपा का आरोप है कि इस यूनिट की आड़ में AAP दूसरी पार्टी के नेताओं की जासूसी करवा रही थी.
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्ट्राचार का मामला दर्ज कर जांच करनी की मंजूरी दी है. ये मंजूरी दिल्ली सरकार की Feed Back Unit (FBU) के गठन और उसमें की गई अवैध नियुक्तियों में हुए भ्रष्ट्राचार को लेकर की गई है. इस मामले में सीबीआई ने नवंबर 2016 में प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी और पाया था कि इस यूनिट को बनाने में भ्रष्टाचार किया गया है और नियमों को ताक पर रख कर इस यूनिट का गठन किया गया है. ये जांच सीबीआई ने तत्कालीन डिप्टी सेक्रेटरी विजिलेंस दिल्ली सरकार केएस मीणा की शिकायत पर की थी.
यह है मामला
दिल्ली सरकार ने फरवरी 2016 में दिल्ली सरकार के अधिन काम करने वाले कर्मचारियों के भ्रष्टाचार और कामकाज पर नजर रखने के लिए Feed Back Unit का गठन किया था. इसके लिए दिल्ली सरकार की केबिनेट मीटिंग 29 सितंबर 2015 में FBU के गठन की मंजूरी दी गई थी और उसके बाद तत्कालीन सेक्रेटरी विजिलेंस ने 28 अक्टूबर 2015 को दिल्ली के मुख्यमंत्री को FBU गठन का प्रपोजल दिया, जिसे मंजूर किया गया. इस नोट के मुताबिक FBU सेक्रेटरी विजिलेंस को रिपोर्ट करेगी. फरवरी 2016 में इस यूनिट का गठन किया गया.
इस यूनिट में शुरूआत में 20 भर्तियां की जानी थी, जिसके लिए दिल्ली सरकार के उधोग विभाग की 22 पोस्ट को खत्म कर के लिया जाना था, लेकिन बाद में दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्यूरो की 88 पोस्ट में से 20 भर्तियां FBU में करने की बात हुई, क्योंकि ACB भी विजेलेंस विभाग के अधिन काम करता है. हालांकि, ACB में जिन 88 पोस्ट भरने की बात की जा रही थी, उसका भी सिर्फ प्रपोजल था और LG की तरफ से मंजूरी नहीं ली गई थी.
उपराज्यपाल ने जांच के लिए भेजा
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से जारी तीन चिट्ठियों 23 मई 1996, 1 जनवरी 1997 और 3 सिंतबर 1997 से ये साफ है कि दिल्ली में किसी भी नई भर्तियों, पोस्ट का गठन या फिर रिटार्यड कर्मचारियों की भर्ती के लिए LG की मंजूरी जरूरी है, लेकिन इसके बावजूद इसकी अनदेखी की गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री के सचिव ने 29 अप्रैल 2015 को चिट्ठी लिखी थी कि दिल्ली से जुड़े मामलों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बिना उप राज्यपाल को बताये फैसला ले सकते हैं, लेकिन ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा था और इसका कोई फैसला नहीं हुआ था. इसके बाद जब 4 अगस्त 2016 को हाईकोर्ट का फैसला आया तो Feed Back Unit की मंजूरी के लिए दो बाद दिल्ली सरकार की तरफ से LG को मंजूरी के लिए फाइल भेजी गई लेकिन उपराज्यपाल ने इस मामले में नियमों की अवहेलना और पूरी जांच के लिए मामला सीबीआई को भेज दिया.
अरविंद केजरीवाल का बयान
सीबीआई द्वारा फीडबैक यूनिट मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ ‘एफआईआर’ दर्ज करने के मामले पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा है, ‘प्रधानमंत्री द्वारा मनीष सिसोदिया के खिलाफ कई झूठे मामले थोपकर, उन्हें लंबे समय तक जेल में रखने की योजना’..’ये देश के लिए दुखद’. इससे पहले भलस्वा लैंडफिल साइट पर निरीक्षण कर रहे अरविंद केजरीवाल से जब मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक और FIR पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम अभी कूड़े पर बात कर रहे हैं, लेकिन वो भी कूड़ा ही है.’
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