Earthquake in India, Earthquake Today, Earthquake News: नेपाल में शुक्रवार रात 11:32 बजे 6.4 तीव्रता का भूकंप आया. इसके झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी महसूस किए गए. इसका केंद्र नेपाल में काठमांडू से 331 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था. अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.
पिछले महीने भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई थी. वहीं, नेपाल में 2015 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें करीब 9000 लोगों की मौत हुई थी. इसमें करीब 5 लाख मकानों को नुकसान पहुंचा था.
एमपी के कई जिलों में भूकंप के झटके
मध्यप्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार देर रात करीब 11:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और रीवा में भूकंप के झटके आए. इसके बाद घरों में आराम कर रहे लोग बाहर निकल आए. ग्वालियर में तो कई बिल्डिंग में से लोग सड़कों पर निकल आए. हालांकि शुरुआती जानकारी में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है.
प्रदेश के आगर मालवा और मुरैना जिले के कुछ हिस्सों में भी धरती में कंपन महसूस किया गया. बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र नेपाल में है. इसके झटके मध्य प्रदेश समेत देश के कई अन्य राज्यों में महसूस किए गए हैं.
एमपी में यहां महसूस हुए भूकंप के झटके
- भोपाल के अशोका गार्डन, गोविंदपुरा, बाग उमराव दुल्हा में लोगों ने झटके महसूस किए
- जबलपुर में भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है.
- ग्वालियर में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए
- आगर-मालवा जिले के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए
- मुरैना में भी महसूस किया गया धरती में कंपन
बिहार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए
बिहार की राजधानी पटना आरा, दरभंगा, गया, वैशाली, खगड़िया, सिवान, बेतिया, बक्सर, बगहा, नालंदा, नवादा में भूकंप के झटके महसूस किए गए है. इससे किसी भी नुकसान की खबर नहीं मिली है.
हरियाणा में भी कांपी धरती
हरियाणा के गुरुग्राम सहित कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के बाद लोग अपने घरों सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, जिसमें पंखे और सीलिंग लाइट हिलती नजर आ रही है.
भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है. ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
भूकंप कई तरह से आता है, इसे फॉल्ट लाइन भी कहते हैं, ये तीन तरह की होती है…
- रिवर्स फॉल्ट-भूकंप के दौरान जमीन का एक हिस्सा ऊपर की तरफ उठता है.
- नॉर्मल फॉल्ट-इस फॉल्ट में जमीन का एक हिस्सा नीचे की तरफ जाता है.
- स्ट्राइक स्लिप फॉल्ट-टेक्टोनिक प्लेट्स में घर्षण होने की वजह से जमीन का एक हिस्सा आगे या पीछे की तरफ खिसकता है.
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