भारत में पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन (Under Water Metro Train) बुधवार को कोलकाता से हावड़ा के बीच चली। मेट्रो रेल जीएम पी उदय कुमार रेड्डी ने ट्रेन में महाकरण और हावड़ा मैदान के बीच यात्रा की। ट्रेन ने दिन में 11:55 बजे हुगली नदी को पार किया। हावड़ा पहुंचने ट्रेन की पूजा की गई।
कोलकाता में परीक्षण की जा रही अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन हुगली नदी के पूर्वी तट पर एस्प्लेनेड और पश्चिमी तट पर हावड़ा मैदान को जोड़ती है। हावड़ा मेट्रो स्टेशन जमीन से 33 मीटर नीचे है और यह देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है।
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC) ने हुगली नदी के नीचे एक अंडरवाटर ट्रेन ट्रैक बनाया है। यह 4.8 किलोमीटर लंबी है और इस पर 120 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच 2.5 किलोमीटर का ट्रैक पूरा हो जाने के बाद इस पर नियमित ट्रेनें चलने लगेंगी।
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (केएमआरसी) के अधिकारियों ने घोषणा की है कि, अगले महीने से दो ट्रेनें ईस्ट बॉन्ड टनल के माध्यम से साल्ट लेक डिपो और एस्प्लेनेड स्टेशनों के बीच परीक्षण पर चलेंगी। जिनमें फिलहाल 6 कोच होंगे। रेड्डी ने कहा कि अगले कुछ महीनों तक ट्रायल किया जाएगा।
भारत में मेट्रो ट्रेनें यूरोप की तरह ही बैटरी पावर से चलेंगी। इसका मतलब है कि उन्हें जमीन के ऊपर चलने वाले ट्रैक का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होगी, और उन्हें जल्द ही नियमित रूप से शुरू कर दिया जाएगा। भारत अब पानी के नीचे चलने वाली मेट्रो ट्रेनों वाले कुछ देशों में से एक होगा!
कई शहरों में मेट्रो सेवा की शुरुआत साल 1984 में हुई थी। पहली मेट्रो सेवा कोलकाता में 1984 में शुरू हुई थी। इसके बाद दूसरी मेट्रो सेवा दिल्ली में 2002 में शुरू हुई थी। मेट्रो सेवा अब कई और शहरों में शुरू हो चुकी है।
भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन लंदन के यूरोस्टार की तरह है, जो अंडरवाटर रेल लिंक का इस्तेमाल कर लंदन और पेरिस को जोड़ती है।
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