MP विधानसभा में बुधवार को बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक, जयवर्द्धन सिंह, प्रियव्रत सिंह और विनय सक्सेना ने सरकार को घेरा। इसके जवाब में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि हमने हर वर्ग से सुझाव लेकर बजट तैयार किया है।
कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि मप्र में जन्म लेने वाले बच्चे पर 48 हजार रुपए का कर्जा चढ़ जाता है। यह कर्जा प्रदेश के 8 करोड़ लोगों पर है। मुख्यमंत्री बुजुगों को तो इस कर्जे से मुक्ति दिला दें, ताकि वे मोक्ष को प्राप्त कर सकें।
पाठक ने कहा कि 17 सालों में प्रदेश के लोगों के साथ सिर्फ छलावा हो रहा है, कभी मुख्यमंत्री कभी श्रवण कुमार बन जाते हैं तो कभी मामा, कभी कहते हैं कि टाइगर जिंदा है। मुख्यमंत्री भाषण देते हैं तो लगता है प्रदेश में कोई समस्या बची ही नहीं है।
जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि 2018 के बजट में कहा गया था कि 80 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा, इस बजट में कहा गया है कि 65 लाख भूमि को सिंचित किया जाएगा। तो पांच साल पहले 15 लाख हेक्टेयर ज्यादा भूमि को सिंचित करने की बात क्या थी। बजट में राजस्व प्राप्तियां 2.25 लाख करोड़ रुपए है, जबकि बजट 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपए है। आखिर 90 हजार करोड़ रुपए कहां से आएंगे।
विनय सक्सेना ने कहा कि भोपाल में 74 बंगला क्षेत्र में एक बंगला है जिसका नंबर है 9 और 8 किसका बंगला है, सारा प्रदेश जानता है। बगैर सरकार और लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव की अनुमति के बंगले के लिए 2 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए गए। मंत्री बताएं बंगले को तोड़ने के लिए 2 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए या बनाने के लिए।
प्रियव्रत सिंह ने कहा कि बजट में बिजली सब्सिडी पर 23 हजार करोड़ रुपए की बात कही गई है, पर प्रावधान 18 हजार करोड़ रुपए का है। गुजरात की एक कंपनी को 17 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से 50 मेगावाट बिजली का भुगतान किया जा रहा है। सबसे कुपोषित जिले में चीते लाए गए हैं वहां लाए गए चीते भी कुपोषित हो गए हैं।
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