What happens to Aadhaar card when someone dies : आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए एक पहचान पत्र होने से कई ज़्यादा है. बिना आधार कार्ड के बहुत सी चीज़ें हैं जो आप नहीं कर सकते, जबतक आप जिन्दा है तबतक आधार कार्ड आपके काम आता ही रहेगा लेकिन कभी सोचा है कि मर चुके व्यक्ति के आधार कार्ड के साथ क्या होता है?
मर चुके व्यक्ति के आधार कार्ड के साथ क्या होता है
फ़िलहाल मर चुके किसी व्यक्ति का आधार कार्ड किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ लग जाए जो इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है तो वह कर लेगा, क्योंकि UDAI के पास अभी मृतक के आधार कार्ड को डिएक्टिवेट करने का कोई प्रावधान ही नहीं है. लेकिन यह बहुत बड़ा लूप होल है. इसी लिए इससे निपटने के लिए एक प्रावधान बनाया जा रहा है.
अभी तो इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है मगर UIDAI इसपर काम कर है है. किसी व्यक्ति की मौत होने के बाद उसका आधार कार्ड खुद से डिएक्टिवेट हो जाए इसके लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथरिटी और इंडिया यानी UIDAI मैकेनिज्म बना रहा है.
मरने के बाद आधार कार्ड का क्या होगा
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि किसी की मौत के बाद जैसे ही उसका डेथ सर्टिफिकेट जारी होगा वैसे ही परिवार को उस व्यक्ति का आधार नंबर बंद करने के लिए दस्तावेज भेजा जाएगा, परिवार की मंजूरी मिलने के बाद उस आधार को बंद कर दिया जाएगा। परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के लिए सम्बंधित का आधार नंबर दिखाना होगा।
जन्म के साथ ही बन जाएगा आधार
सरकार मौत के बाद आधार कार्ड के बंद होने की व्यवस्था तो कर रही रही है साथ ही जन्म के बाद ही आधार कार्ड बन जाए इसके लिए भी नई प्रोसेस बना रही है. सरकार पूरे देश में बिर्थ सर्टिफिकेट जारी होने के साथ ही आधार नंबर अलॉट करने की योजना पर काम कर रही है. 20 राज्यों में यह व्यवस्था लागू हो गई है जहां 5 साल से कम उम्र के बच्चे का बायोमेट्रिक नहीं होता बल्कि माता-पिता की जानकारी के आधार पर उसका आधार नंबर जनरेट होता है. जब बच्चा 5 और 15 साल का हो जाता है तो उसका बायोमेट्रिक होता है.
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