भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने बीसीसीआई के चयन समिति (BCCI Selection Committee) पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं के पास न तो विजन है, न ही खेल के बारे में गहरी जानकारी है और न ही क्रिकेट की समझ है। उनके इस बयान के बाद एक बार फिर भारतीय टीम के चयनकर्ताओं के अनुभव पर सवाल उठने लगे हैं। चेतन शर्मा के हटाए जाने के बाद शिव सुंदर दास (Shiv Sunder Das) अंतरिम चीफ सेलेक्टर बनाए गए थे। उनके साथ चयन समिति में सुब्रतो बनर्जी, सलिल अंकोला और श्रीधरन शरथ हैं। हम आपको इनके इंटरनेशनल अनुभव के बारे में बताते हैं।
किसके पास कितना अनुभव
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिव सुंदर दास के पास सिर्फ 23 टेस्ट और 4 वनडे का अनुभव है। वहीं पटना में जन्मे सुब्रोतो बनर्जी ने भारत के लिए एक टेस्ट और 6 वनडे खेले हैं। पूर्व तेज गेंदबाज सलिल अंकोला ने सचिन तेंदुलकर के साथ टेस्ट डेब्यू किया था। लेकिन फिर उन्होंने फिल्मों का रुख कर लिया था। उन्होंने कुरुक्षेत्र फिल्म से अपना डेब्यू किया था। कई टीवी सीरियल के साथ ही बिग बॉस जैसे रियलिटी शो में नजर आ चुके हैं। उन्होंने एक टेस्ट और 20 वनडे खेले हैं।
श्रीधरन के पास इंटरनेशनल अनुभव नहीं
तमिलनाडु के पूर्व क्रिकेटर श्रीधरन शरत ने कोई इंटरनेशनल मैच ही नहीं खेला है। उन्होंने 139 फर्स्ट क्लास और 116 लिस्ट ए मैच खेले हैं। वह तमिलनाडु की ओर से 100 रणजी मैच खेलने वाले एकमात्र क्रिकेटर भी हैं। इस चयन समिति में वह एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिनके पास टीम इंडिया के लिए खेलने का अनुभव नहीं है। वहीं किसी के पास टी20 इंटरनेशनल का अनुभव ही नहीं है।
बड़े-बड़े दिग्गज रह चुके चीफ सेलेक्टर
2011 वर्ल्ड कप के समय चीफे सेलेक्टर रहे कृष्णमाचारी श्रीकांत ने 189 इंटरनेशनल मैच खेले थे। वहीं दिलीप वेंगसरकर ने 116 टेस्ट खेले हैं। धोनी को सेलेक्ट करने वाले किरण मोरे के पास करीब 150 इंटरनेशनल मैच का अनुभव था। लेकिन फिर अनुभवी नाम चयन समिति में दिखे ही नहीं। इससे पहले चेतन शर्मा भारत के चीफ सेलेक्टर थे। उनके पास सिर्फ 23 टेस्ट का अनुभव था। वहीं उनसे पहले रहे सुनील जोशी के पास 15 टेस्ट जबकि एमएसके प्रसाद के पास 6 टेस्ट का अनुभव था।
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